दांव पर लगी CM नीतीश की प्रतिष्ठा, तेजस्वी की भी साख फंसी

बिहार में लोकसभा (Lok Sabha) की एक तथा विधानसभा (Assembly) की पांच सीटों के उपचुनाव (By Election) के लिए सोमवार को वोट पड़े। यह महज उपचुनाव नहीं है। बल्कि, इसे अगले साल होने जा रहे विधानसभा चुनाव (Assembly Election) का सेमीफाइनल माना जा रहा है। इसमें सत्‍ताधारी राष्‍ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के घटक दलों, खासकर मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की प्रतिष्ठा के साथ महागठबंधन (Grand Alliance) के नेता के रूप में तेजस्‍वी यादव (Tejashwi Yadav) की साख भी दांव पर लगी है। उपचुनाव के नतीजे 2020 के विधानसभा चुनाव की दशा व दिशा भी तय करेंगे, यह तय है।


उपचुनाव में विपक्षी एकता तार-तार दिखी। महागठबंधन के घटक दल एक-दूसरे के खिलाफ मैदान में हैं। नाथनगर सीट (Nath Nagar Assembly Seat) पर जीतनराम मांझी (Jitan Ram Manjhi) की पार्टी हिंदुस्‍तानी अवाम मोर्चा (HAM) और सिमरी बख्तियारपुर सीट (Semri Bakhtiarpur Assembly Seat) पर मुकेश सहनी (Mukesh Sahni) की विकासशील इंसान पार्टी (VIP) ने अपने-अपने उम्मीदवार खड़े कर राष्‍ट्रीय जनता दल (RJD) को मुश्किल में डाल दिया है।


गत लोकसभा चुनाव में महागठबंधन की हार के बाद से तेजस्‍वी आरजेडी नेता तेजस्‍वी यादव के नेतृत्व क्षमता पर सवाल उठाए जाते रहे हैं। 'हम' सुप्रीमाे जीतनराम मांझी सहित कई प्रमुख महागठबंधन नेताओं ने उन्‍हें समय-समय पर विपक्ष का नेता तथा मुख्‍यमंत्री का चेहरा मानने से इनकार किया है। ऐसे में इस उपचुनाव में उनकी साख दांव पर लगी है। उनके सामने लोकसभा चुनाव की हार के दाग को धोकर महागठबंधन के नेता के रूप में खुद को साबित करने की बड़ी चुनौती है।


उधर, सत्‍ताधारी एनडीए में ऑल इल वेज का माहौल दिख रहा है। बीते दिनों गिरिराज सिंह (Giriraj Singh) सहित भारतीय जनता पार्टी (BJP) के अनेक नेता मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खाेले नजर आए थे। बीजेपी नेताओं ने नीतीश कुमार को 'छोटा भाई' बनकर रहने की नसीहत तक दे डाली थी। जेडीयू ने भी इन बयानों का जवाब दिया था। लेकिन बात बिगड़ने के पहले बीजेपी अध्‍यक्ष अमित शाह (Amit Shah) ने हस्‍तक्षेप किया। उन्‍होंने स्‍पष्‍ट किया कि आगामी विधानसभा चुनाव नीतीश कुमार के नेतृत्‍व में ही लड़ा जाएगा।